Notes 07-Communication Skills संचार कौशल
Communication Skills कम्युनिकेशन स्किल्स
Communication Skills- कम्युनिकेशन स्किल्स को संचार कौशल भी कहा जाता है,सामान्यतः किसी भी संस्थान में कार्य करने वाले लोगो का पुरे दिन का लगभग 75% टाइम लिखने, पढने, सुनने और बोलने जैसे क्रियाओ में व्यतीत होता है, इसलिए ये कहना गलत नही होगा कि संस्थान और व्यक्ति के सफलता के लिए एक बेहतर संचार कौशल (Communication Skills) जरुरी है।
श्रेय- ऊपर लिखा वाक्य अरिहंत प्रकाशन द्वारा प्रकाशित एम्प्लोयबिलिटी स्किल्स पुस्तक से लिया गया हैं।
एम्प्लोयबिलिटी स्किल्स विषय का एक अध्याय कम्युनिकेशन स्किल्स भी है, आईटीआई परीक्षा में इस अध्याय से प्रश्न जरुर पूछा जाता है।
परिभाषा-
किसी जानकारी या सूचना का आदान-प्रदान ही संचार कहलाता है, संचार अंग्रेजी भाषा के Communication शब्द का हिंदी रूपान्तरण है। जिसकी शरुआत लैटिन भाषा के Communis शब्द से हई है।
सरल शब्दों में कहा जाये तो दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच किसी माध्यम से सूचनाओ का आदान-प्रदान संचार (Communication) कहा जाता है।
संचार क्रिया- संचार एक मानवीय क्रिया है जो मनुष्य अपने जीवन काल में लगातार करता है, इंसान अपने भाव, विचार और जानकारी को दुसरे बोलता है तो यह क्रिया भी संचार कहलाती है। कभी-कभी इंसान अकेले बैठे अपने आप से बात करता है या मन में कुछ विचार करता है तो वह भी संचार कहलाता है।
संचार के मुख्य भाग- एक संचार क्रिया को होने के लिए कुल 7 तत्वों की आवश्यकता होती है।
- सन्देश भेजने वाला
- सन्देश
- संकेतन
- माध्यम
- विसंकेतन
- प्राप्तकर्ता
- फीडबैक
Source-सन्देश भेजने वाला – जैसे एक क्लास में टीचर अपनी बातो को स्टूडेंट्स तक भेज रहा है तो टीचर सन्देश भेजने वाला कहलायेगा।
Message- सन्देश- जो टॉपिक टीचर स्टूडेंट्स को बता रहा है, वो सन्देश कहलायेगा।
Signalling- संकेतन- टीचर अगर गुस्से में पड़ा रहा है या ख़ुशी में पड़ा रहा है उसका भाव ही संकेतन कहलायेगा।
Media- माध्यम- टीचर ऑनलाइन पड़ा रहा है तो मोबाइल और इन्टरनेट माध्यम कहलायेगे।
De-Signalling- विसंकेतन- टीचर गुस्से में होगा तो स्टूडेंट्स उसके भाव को समझ जायेगे और क्लास में शांति से बैठेगे तो मेसेज भेजने वाले के भाव को समझना ही विसंकेतन कहलाता है।
Reciever- प्राप्तकर्ता- स्टूडेंट्स को ही प्राप्तकर्ता कहा जायेगा क्यों की टीचर द्वारा बोला गया सन्देश या टॉपिक स्टूडेंट्स को प्राप्त हो रहा है।
Feedback- फीडबैक- टीचर जब स्टूडेंट्स से पूछेगा की जो बताया वो समझ आया की नहीं, स्टूडेंट्स हाँ या ना में जबाब देगा तप यह प्रक्रिया फीडबैक कहलाती है।
संचार के प्रकार- संचार मुख्यतः दो प्रकार का होता है
- मौखिक या शाब्दिक संचार
- अमौखिक या अशाब्दिक संचार
Verbal Communication- जिस संचार में भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे मौखिक संचार कहा जाता है। बोलकर अथवा लिखकर किये जाने वाला संचार मौखिक संचार कहा जाता है। उदाहरण – ईमेल, आवेदन, नोट, टेलीफोन पर बातचीत,भाषण इत्यादि।
मौखिक संचार दो तरह के हो सकते है –
- प्रत्यक्ष – दो या अधिक व्यक्ति जब आमने-सामने बातचीत करते है
- अप्रत्यक्ष- चैटिंग या टेलीफोन पर बातचीत अप्रत्क्ष मौखिक संचार कहलाता है।
Non-Verbal Communication- जिस संचार में शारीरिक भाव का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे- नेत्र से इशारे, हाथ से इशारा आदि अमौखिक संचार कहलाते है। इसको शारीरिक भाषा (Body Language) भी कहा जाता है जैसे- माँ का अपने बच्चे की सिर पर हाथ फेरना,आँखों से इशारो में बाते करना, किसी को दूर से हाथ हिलाकर बाय-बाय बोलना इत्यादि।
संचार में रूकावट- अपनी बात किसाही तरीके से सामने को समझाने या बताने के लिए अच्छा संचार कौशल जरुरी है, जैसे कभी इंटरव्यू में हमे जवाब पता होता है फिर भी नही बोल पते है या गलत बोल जाते है, इसके पीछे कुछ बिंदु है जो अच्छे संचार में रुकावट का कार्य करते है।
- कमजोर कम्युनिकेशन स्किल्स
- सही भाषा और शब्दों की कमी
- एक से अधिक भाषा का प्रयोग
- ध्यान का भटकना
- संचार को लेकर चिंतित होना
- ज्यादा टॉपिक्स का होने
- प्रश्न पूछने वाले का ज्यादा दबाब
- माहौल- जहा है वहा ज्यादा शोर या ज्यादा भीड़ का होना
नोट- अच्छी तैयारी के लिए ऑनलाइन टेस्ट जरुर दीजिये।
Prepared By- Er. Vivek Singh Yadav
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Dil se thanks sir ji aap ko sir 2year fitter theory ki class lagaiy please reply
jitna possible hai ham log kr rhe hai
Thanks sir