02-Measurement मापन पार्ट-01
Chapter 02 – मापन और मापने वाले औजार
Measurement and Measuring Tools मापन और मापने वाले औजार- इस अध्याय में हम यह जानेंगे कि मापन क्या होता है, कितने प्रकार का होता है और कौन-कौन सी यूनिट में माप ली जाती है तथा कौन-कौन से औजार मापन के लिए प्रयोग किये जाते है।
मापन (Measurement)-
किसी मापने वाले औजार द्वारा किसी वस्तु की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ली गयी माप ही मापन कहलाती है।
मापने वाले औजार (Measuring Tools)-
मापन करते समय किसी वस्तु की माप जिस टूल या औजार के द्वारा ली जाती है वह औजार, मापने वाले औजार कहलाते है।
मापन के प्रकार (Types of Measurement)- मापन निम्नलिखित चार प्रकार के होते है-
1.रेखीय मापन (Linear Measurement)
2.कोणीय मापन (Angular Measurement)
3.त्रिज्य मापन (Radial Measurement)
4.समतल सतह मापन (Plain Surface Measurement)
1.रेखीय मापन- जब किसी मापी उपकरण द्वारा मापी गयी माप एक सीधी रेखा में मापी जा रही हो, तो उसे रेखीय मापन कहते है। जैसे- स्टील रूल द्वारा ली गयी माप एक सीधी रेखा में होती है, वर्नियर कैलीपर, माइर्कोमीटर, आउटसाइड कैलीपर,इनसाइड कैलीपर, डिवाइडर आदि के द्वारा ली गयी माप भी रेखीय मापन कहलाती है।
2.कोणीय मापन- जब दो रेखाएं परस्पर एक-दूसरे को काटती है, तो उनके बीच एक कोण बनता है, और उस कोण को मापना ही कोणीय मापन कहलाता है। जैसे- चांदे के द्वारा ली गयी माप, गुनिया, वर्नियर बेवेल प्रोटेक्टर, एंगल गेज, साइन बार, एंगल गेज ब्लॉक आदि के द्वारा ली गयी माप भी कोणीय माप के अंतर्गत आती है।
3.त्रिज्य मापन- जब किसी उपकरण के द्वारा किसी वस्तु की माप गोलाई में मापी जाये या ली जाये, तो वह माप त्रिज्य मापन कहलाती है। जैसे- रिंग गेज द्वारा मापी गयी माप, प्लग गेज, रेडियस गेज, ड्रिल गेज आदि के द्वारा ली गयी माप भी त्रिज्य मापन कहलाती है।
4.समतल सतह मापन- किसी जॉब की सरफेस या सतह की जांच करना कि वह सतह समतल है या नही है, समतल सतह का मापन कहलाता है। समतल सतह का मापन हम सर्फेस प्लेट, डायल टेस्ट इंडिकेटर, मार्किंग ब्लॉक, स्ट्रेट एज, गुनिया आदि के द्वारा करते है।
मापन की पद्धति या प्रणाली (System of measurement)- यह निम्नलिखित प्रकार की होती है –
1.FPS प्रणाली या ब्रिटिश प्रणाली (FPS System)
2.CGS प्रणाली (CGS System)
3.MKS प्रणाली या मीट्रिक प्रणाली (MKS System)
1.FPS प्रणाली – इसमें पहला शब्द F लम्बाई के मात्रक को, दूसरा शब्द P द्रव्यमान के मात्रक को तथा तीसरा शब्द S समय के मात्रक को प्रदर्शित करते है।
F- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में लम्बाई को फुट में मापा जाता है।
P- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में द्रव्यमान को पाउंड में मापा जाता है।
S- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में समय को सेकंड में मापा जाता है।
अतः जब हम लम्बाई को फुट में, द्रव्यमान को पाउंड में तथा समय को सेकंड में मापते है तो, वह FPS प्रणाली कहलाती है।
- इस प्रणाली में लम्बाई का सबसे बड़ा मात्रक मील होता है।
- इसे (फुट-पाउंड-सेकंड) प्रणाली भी कहते है।
- इसे ब्रिटिश प्रणाली भी कहते है।
2.CGS प्रणाली- इसमें पहला शब्द C लम्बाई के मात्रक को, दूसरा शब्द G द्रव्यमान के मात्रक को तथा तीसरा शब्द S समय के मात्रक को प्रदर्शित करते है।
C- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में लम्बाई को सेंटीमीटर में मापा जाता है।
G- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में द्रव्यमान को ग्राम में मापा जाता है।
S- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में समय को सेकंड में मापा जाता है।
अतः जब हम लम्बाई को सेंटीमीटर में, द्रव्यमान को ग्राम में तथा समय को सेकंड में मापते है तो, वह CGS प्रणाली कहलाती है।
- इसे (सेमी-ग्राम-सेकंड) प्रणाली भी कहते है।
3.MKS प्रणाली- इसमें पहला शब्द M लम्बाई के मात्रक को, दूसरा शब्द K द्रव्यमान के मात्रक को तथा तीसरा शब्द S समय के मात्रक को प्रदर्शित करते है।
M- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में लम्बाई को मीटर में मापा जाता है।
K- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में द्रव्यमान को किलोग्राम में मापा जाता है।
S- इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में समय को सेकंड में मापा जाता है।
अतः जब हम लम्बाई को मीटर में, द्रव्यमान को किलोग्राम में तथा समय को सेकंड में मापते है तो, वह MKS प्रणाली कहलाती है।
- इसे मीट्रिक प्रणाली भी कहते है।
- इस प्रणाली में लम्बाई का सबसे बड़ा मात्रक किलोमीटर होता है।
श्रेय- कुछ अंक अरिहंत प्रकाशन द्वारा प्रकाशित फिटर सिद्धांत पुस्तक से लिए गए हैं।
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