02-Measurement मापन पार्ट-02
मापन की विधियाँ (Measuring Methods)
किसी भी जॉब को कितने तरीको से मापा जा सकता है, उसे ही मापन की विधियाँ (Measuring Methods) कहते है। यह निम्नलिखित तीन प्रकार का होता है-
1.प्रत्यक्ष मापन (Direct Measurement)
2.अप्रत्यक्ष मापन (Indirect Measurement)
3.तुलनात्मक मापन (Comparative Measurement)
1.प्रत्यक्ष मापन-
किसी भी जॉब की माप यदि मापे जाने वाले उपकरण के द्वारा सीधे ही मिल जाती है तथा हमे किसी अन्य उपकरण की आवश्यकता नही पड़ती है, प्रत्यक्ष मापन कहलाता है। जैसे- स्टील रूल, वर्नियर कैलीपर, माइक्रोमीटर, वर्नियर हाइट गेज, वर्नियर डेप्थ गेज, प्रोट्रेक्टर, वर्नियर बेवेल प्रोट्रेक्टर आदि के द्वारा ली गयी माप।
2.अप्रत्यक्ष मापन-
इस विधि में उपकरण के द्वारा ली गयी माप हमे सीधे प्राप्त नही होती है, उसे किसी अन्य उपकरण की सहायता से ज्ञात किया जाता है, अप्रत्यक्ष मापन कहलाता है। जैसे- इनसाइड कैलीपर, आउटसाइड कैलीपर, डिवाइडर के द्वारा माप लेने के बाद फिर उस माप को स्टील रूल के द्वारा ज्ञात किया जाता है।
3.तुलनात्मक मापन-
जब हम जॉब की माप, किसी स्टैण्डर्ड जॉब से तुलना करके ज्ञात करते है, तुलनात्मक मापन कहलाता है।
कोण मापने की इकाइयाँ (Units of Angle Measurement)-
- एक वृत्त को 360 भागो में बाटते है।
- एक भाग 1 डिग्री कहलाता है।
- अब एक डिग्री को 60 भागो में बाटते है, एक भाग 1 मिनट कहलाता है।
- अब एक मिनट को 60 भागो में बाटते है, एक भाग 1 सेकण्ड कहलाता है।
1 वृत्त = 360 डिग्री 1 वृत्त = 400 ग्रेड
1 डिग्री = 60 मिनट 1 समकोण = 100 ग्रेड
1 मिनट = 60 सेकण्ड 1 ग्रेड = 100 मिनट
- कोण का सबसे बड़ा मात्रक रेडियन होता है।
- कोण का सबसे छोटा मात्रक सेकण्ड होता है।
1.रेखीय मापन (Linear Measurement)- इसके अंतर्गत हम रेखीय माप जिन उपकरणों के द्वारा लिया जाता है, उनका अध्ययन करेंगे।
(i)स्टील रूल (Steel Rule)-
- यह स्टैनलेस स्टील, हाई कार्बन स्टील या स्प्रिंग स्टील के बने होते है।
- इसकी अल्पतम माप (Least Count) 0.5mm मीट्रिक में तथा 1/64” इंच ब्रिटिश प्रणाली में होता है।
- स्टील रुल जब उपयोग में न हो, तो उस पर तेल की हल्की परत लगाते हैं। जिससे उसे जंग लगने से बचाया जा सके।
ये कई प्रकार के होते हैं-
(a)प्लेन स्टील रुल-
- लम्बाई- 6 इंच या 12 इंच
- चौड़ाई- 3/4 इंच या 1 इंच
- यह स्टैनलेस स्टील, हाई कार्बन स्टील या स्प्रिंग स्टील के बने होते है।
(b)स्टैण्डर्ड स्टील रुल-
- लम्बाई-6 इंच से 48 इंच तक
- चौड़ाई-3/4 इंच या 1 इंच
- यह भी स्टैनलेस स्टील या स्प्रिंग स्टील के बने होते है।
(c)लचीला (Flexible) स्टील रुल-
- लम्बाई-6 इंच
- चौड़ाई-1/2 इंच
- इसका प्रयोग वक्र सतहों की लम्बाई मापने के लिए किया जाता हैं।
- यह स्प्रिंग स्टील के बने होते है।
(d)नैरो स्टील रुल-
- लम्बाई-6 इंच
- चौड़ाई-5 mm
- इसकी चौड़ाई कम होने के कारण ही इसे नैरो स्टील रुल कहते हैं।
- इसका प्रयोग पतले स्लॉट या बंद ड्रिल हुए होल की गहराई मापने के लिए किया जाता हैं।
- इस रुल के एक ही साइड मार्किंग की गयी होती है।
(ii)हुक रुल-
- इस स्टील रुल में हुक जीरो तरफ लगा होता हैं।
- इस हुक को किसी जॉब के किनारे पर या पाइप में फंसाकर माप लेने में आसानी रहती है।
- इनकी एक ही साइड पर मार्किंग की गयी होती हैं।
(iii)कैलीपर रुल-
- इसकी चौड़ाई हुक रुल से अधिक होती है, जबकि बनावट समान होती है।
- इस रुल में भी एक ही तरफ मार्किंग की गयी होती हैं।
(iv)श्रिंक रुल-
- इस रुल का प्रयोग पैटर्न बनाते समय उसकी माप लेने के लिए किया जाता हैं।
- इस रुल पर की गयी मार्किंग, वास्तविक माप से बढाकर रखते है क्यूंकि धातुये ढलाई के बाद ठंडी होने पर सिकुड़ती है अतः इस रूल का साइज़ अधिक रखते है जिससे पैटर्न का साइज़ वास्तविक से थोड़ा बड़ा बने और धातु ठंडी होने पर सिकुड़ने के पश्चात् हमारे आवश्यकता से छोटी न हो।
(v)शॉर्ट रुल-
- यह रुल छोटे-छोटे साइजो में पाये जाते हैं। जैसे- 5mm, 10mm, 15mm आदि
- इसका प्रयोग एक विशेष हैंडल के द्वारा अधिक गहराई में माप लेने के लिए किया जाता हैं।
(vi)डैप्थ रुल-
- इसका प्रयोग भी गहराई मापने के लिये किया जाता हैं। यह 6 इंच तक की गहराई माप सकता हैं।
- यह संकरे स्थानों पर भी प्रयोग किया जा सकता हैं क्यूंकि इसकी चौड़ाई बहुत कम होती हैं।
(vii)की-सीट रुल-
- इसका प्रयोग किसी बेलनाकार जॉब पर उसकी अक्ष के समान्तर या की-वे काटने के लिए मार्किंग करने में करते हैं।
- इसकी आकृति एंगल आयरन के समान होती हैं।
स्टील टेप –
- लम्बाई-5 फीट से 100 फीट
- चौड़ाई-1/2 या 3/4 इंच
- इसका प्रयोग अधिक लम्बी दूरी मापने के लिए किया जाता हैं।
- यह स्प्रिंग स्टील की पतली चादर पर प्रिंट करके बनाया जाता हैं।
स्केल-
- स्केल अनुपातिक माप के लिए प्रयोग किये जाते है जबकि रुल वास्तविक माप के लिए।
- अतः स्केल की सहायता से किसी बड़ी वस्तु की माप को एक निश्चित अनुपात में घटाकर उसे छोटे कागज पर बनाया जा सकता है। जैसे-मकान, पुल, नक्शा आदि स्केल की सहायता से ही कागज पर बनाना संभव हो पाता हैं।
- इसी तरह स्केल की सहायता से किसी छोटी वस्तु माप को निश्चित अनुपात में बढ़ाकर कागज पर बनाया जा सकता है, जिससे कि उस वस्तु के पार्ट्स हमे साफ-साफ दिखाई दें। जैसे- घड़ी के पार्ट्स हमें साफ-साफ दिखाई दे उसके लिए उसके साइज़ को बढ़ाकर बनाया जाता है।
नोट- इस अध्याय का भाग 3 बहुत ही जल्द अपलोड किया जायेगा।
श्रेय- कुछ अंक अरिहंत प्रकाशन द्वारा प्रकाशित फिटर सिद्धांत पुस्तक से लिए गए हैं।
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